the Week of Proper 24 / Ordinary 29
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पवित्र बाइबिल
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1 मूढ़ ने अपने मन में कहा है, कि कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्होंने कुटिलता के घिनौने काम किए हैं; कोई सुकर्मी नहीं॥2 परमेश्वर ने स्वर्ग पर से मनुष्यों के ऊपर दृष्टि की ताकि देखे कि कोई बुद्धि से चलने वाला वा परमेश्वर को पूछने वाला है कि नहीं॥3 वे सब के सब हट गए; सब एक साथ बिगड़ गए; कोई सुकर्मी नहीं, एक भी नहीं॥ क्या उन सब अनर्थकारियों को कुछ भी ज्ञान नहीं?4 जो मेरे लोगों को ऐसे खाते हैं जैसे रोटी और परमेश्वर का नाम नहीं लेते?5 वहां उन पर भय छा गया जहां भय का कोई कारण न था। क्योंकि यहोवा ने उनकी हडि्डयों को, जो तेरे विरुद्ध छावनी डाले पड़े थे, तितर बितर कर दिया; तू ने तो उन्हें लज्जित कर दिया इसलिये कि परमेश्वर ने उन को निकम्मा ठहराया है॥6 भला होता कि इस्राएल का पूरा उद्धार सिय्योन से निकलता! जब परमेश्वर अपनी प्रजा को बन्धुवाई से लौटा ले आएगा तब याकूब मगन और इस्राएल आनन्दित होगा॥