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Sunday, February 23rd, 2025
the Seventh Sunday after Epiphany
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पवित्र बाइबिल

भजन संहिता 41

1 क्या ही धन्य है वह, जो कंगाल की सुधि रखता है! विपत्ति के दिन यहोवा उसको बचाएगा।2 यहोवा उसकी रक्षा करके उसको जीवित रखेगा, और वह पृथ्वी पर भाग्यवान होगा। तू उसको शत्रुओं की इच्छा पर न छोड़।3 जब वह व्याधि के मारे सेज पर पड़ा हो, तब यहोवा उसे सम्भालेगा; तू रोग में उसके पूरे बिछौने को उलटकर ठीक करेगा॥4 मैं ने कहा, हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर; मुझ को चंगा कर, क्योंकि मैं ने तो तेरे विरुद्ध पाप किया है!

5 मेरे शत्रु यह कहकर मेरी बुराई करते हैं: वह कब मरेगा, और उसका नाम कब मिटेगा?6 और जब वह मुझ से मिलने को आता है, तब वह व्यर्थ बातें बकता है, जब कि उसका मन अपने अन्दर अधर्म की बातें संचय करता है; और बाहर जाकर उनकी चर्चा करता है।7 मेरे सब बैरी मिलकर मेरे विरुद्ध कानाफूसी करते हैं; वे मेरे विरुद्ध होकर मेरी हानि की कल्पना करते हैं॥8 वे कहते हैं कि इसे तो कोई बुरा रोग लग गया है; अब जो यह पड़ा है, तो फिर कभी उठने का नहीं।9 मेरा परम मित्र जिस पर मैं भरोसा रखता था, जो मेरी रोटी खाता था, उसने भी मेरे विरुद्ध लात उठाई है।10 परन्तु हे यहोवा, तु मुझ पर अनुग्रह करके मुझ को उठा ले कि मैं उन को बदला दूं!11 मेरा शत्रु जो मुझ पर जयवन्त नहीं हो पाता, इस से मैं ने जान लिया है कि तू मुझ से प्रसन्न है।12 और मुझे तो तू खराई से सम्भालता, और सर्वदा के लिये अपने सम्मुख स्थिर करता है॥13 इस्राएल का परमेश्वर यहोवा आदि से अनन्तकाल तक धन्य है आमीन, फिर आमीन॥

 
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