the Week of Proper 28 / Ordinary 33
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पवित्र बाइबिल
भजन संहिता 28
1 हे यहोवा, मैं तुझी को पुकारूंगा; हे मेरी चट्टान, मेरी सुनी अनसुनी न कर, ऐसा न हो कि तेरे चुप रहने से मैं कब्र में पड़े हुओं के समान हो जाऊं जो पाताल में चले जाते हैं।2 जब मैं तेरी दोहाई दूं, और तेरे पवित्र स्थान की भीतरी कोठरी की ओर अपने हाथ उठाऊं, तब मेरी गिड़गिड़ाहट की बात सुन ले।3 उन दुष्टों और अनर्थकारियों के संग मुझे न घसीट; जो अपने पड़ोसियों बातें तो मेल की बोलते हैं परन्तु हृदय में बुराई रखते हैं।4 उनके कामों के और उनकी करनी की बुराई के अनुसार उन से बर्ताव कर, उनके हाथों के काम के अनुसार उन्हें बदला दे; उनके कामों का पलटा उन्हें दे।5 वे यहोवा के कामों पर और उसके हाथों के कामों पर ध्यान नहीं करते, इसलिये वह उन्हें पछाड़ेगा और फिर न उठाएगा॥
6 यहोवा धन्य है; क्योंकि उसने मेरी गिड़गिड़ाहट को सुना है।7 यहोवा मेरा बल और मेरी ढ़ाल है; उस पर भरोसा रखने से मेरे मन को सहायता मिली है; इसलिये मेरा हृदय प्रफुल्लित है; और मैं गीत गाकर उसका धन्यवाद करूंगा।8 यहोवा उनका बल है, वह अपने अभिषिक्त के लिये उद्धार का दृढ़ गढ़ है।9 हे यहोवा अपनी प्रजा का उद्धार कर, और अपने निज भाग के लोगों को आशीष दे; और उनकी चरवाही कर और सदैव उन्हें सम्भाले रह॥