the Week of Proper 21 / Ordinary 26
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पवित्र बाइबिल
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1 हे यहोवा तेरी सामर्थ्य से राजा आनन्दित होगा; और तेरे किए हुए उद्धार से वह अति मगन होगा।2 तू ने उसके मनोरथ को पूरा किया है, और उसके मुंह की बिनती को तू ने अस्वीकार नहीं किया।3 क्योंकि तू उत्तम आशीषें देता हुआ उससे मिलता है और तू उसके सिर पर कुन्दन का मुकुट पहिनाता है।4 उसने तुझ से जीवन मांगा, ओर तू ने जीवन दान दिया; तू ने उसको युगानुयुग का जीवन दिया है।5 तेरे उद्धार के कारण उसकी महिमा अधिक है; तू उसको वैभव और ऐश्वर्य से आभूषित कर देता है।6 क्योंकि तू ने उसको सर्वदा के लिये आशीषित किया है; तू अपने सम्मुख उसको हर्ष और आनन्द से भर देता है।
7 क्योंकि राजा का भरोसा यहोवा के ऊपर है; और परमप्रधान की करूणा से वह कभी नहीं टलने का॥8 तेरा हाथ तेरे सब शत्रुओं को ढूंढ़ निकालेगा, तेरा दहिना हाथ तेरे सब बैरियों का पता लगा लेगा।9 तू अपने मुख के सम्मुख उन्हें जलते हुए भट्टे की नाईं जलाएगा। यहोवा अपने क्रोध में उन्हें निगल जाएगा, और आग उन को भस्म कर डालेगी।10 तू उनके फलों को पृथ्वी पर से, और उनके वंश को मनुष्यों में से नष्ट करेगा।11 क्योंकि उन्होंने तेरी हानि ठानी है, उन्होंने ऐसी युक्ति निकाली है जिसे वे पूरी न कर सकेंगे।12 क्योंकि तू अपना धुनष उनके विरूद्ध चढ़ाएगा, और वे पीठ दिखाकर भागेंगे॥13 हे यहोवा, अपनी सामर्थ्य में महान हो! और हम गा गाकर तेरे पराक्रम का भजन सुनाएंगे॥