Lectionary Calendar
Monday, September 8th, 2025
the Week of Proper 18 / Ordinary 23
Attention!
For 10¢ a day you can enjoy StudyLight.org ads
free while helping to build churches and support pastors in Uganda.
Click here to learn more!

Read the Bible

पवित्र बाइबिल

भजन संहिता 148

1 याह की स्तुति करो! यहोवा की स्तुति स्वर्ग में से करो, उसकी स्तुति ऊंचे स्थानों में करो!2 हे उसके सब दूतों, उसकी स्तुति करो: हे उसकी सब सेना उसकी स्तुति कर!3 हे सूर्य और चन्द्रमा उसकी स्तुति करो, हे सब ज्योतिमय तारागण उसकी स्तुति करो!4 हे सब से ऊंचे आकाश, और हे आकाश के ऊपर वाले जल, तुम दोनों उसकी स्तुति करो।5 वे यहोवा के नाम की स्तुति करें, क्योंकि उसी ने आज्ञा दी और ये सिरजे गए।6 और उसने उन को सदा सर्वदा के लिये स्थिर किया है; और ऐसी विधि ठहराई है, जो टलने की नहीं॥

7 पृथ्वी में से यहोवा की स्तुति करो, हे मगरमच्छों और गहिरे सागर,8 हे अग्नि और ओलो, हे हिम और कुहरे, हे उसका वचन मानने वाली प्रचण्ड बयार!9 हे पहाड़ों और सब टीलो, हे फलदाई वृक्षों और सब देवदारों!10 हे वन- पशुओं और सब घरैलू पशुओं, हे रेंगने वाले जन्तुओं और हे पक्षियों!11 हे पृथ्वी के राजाओं, और राज्य राज्य के सब लोगों, हे हाकिमों और पृथ्वी के सब न्यायियों!12 हे जवानों और कुमारियों, हे पुरनियों और बालकों!13 यहोवा के नाम की स्तुति करो, क्योंकि केवल उसकी का नाम महान है; उसका ऐश्वर्य पृथ्वी और आकाश के ऊपर है।14 और उसने अपनी प्रजा के लिये एक सींग ऊंचा किया है; यह उसके सब भक्तों के लिये अर्थात इस्राएलियों के लिये और उसके समीप रहने वाली प्रजा के लिये स्तुति करने का विषय है। याह की स्तुति करो।

 
adsfree-icon
Ads FreeProfile