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Tuesday, November 11th, 2025
the Week of Proper 27 / Ordinary 32
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पवित्र बाइबिल

गिनती 33

1 जब से इस्त्राएली मूसा और हारून की अगुवाई से दल बान्धकर मिस्र देश से निकले, तब से उनके ये पड़ाव हुए।2 मूसा ने यहोवा से आज्ञा पाकर उनके कूच उनके पड़ावों के अनुसार लिख दिए; और वे ये हैं।3 पहिले महीने के पन्द्रहवें दिन को उन्होंने रामसेस से कूच किया; फसह के दूसरे दिन इस्त्राएली सब मिस्रियों के देखते बेखटके निकल गए,4 जब कि मिस्री अपने सब पहिलौठों को मिट्टी दे रहे थे जिन्हें यहोवा ने मारा था; और उसने उनके देवताओं को भी दण्ड दिया था।5 इस्त्राएलियों ने रामसेस से कूच करे सुक्कोत में डेरे डाले।6 और सुक्कोत से कूच करके एताम में, जो जंगल के छोर पर हैं, डेरे डाले।7 और एताम से कूच करके वे पीहहीरोत को मुड़ गए, जो बालसपोन के साम्हने है; और मिगदोल के साम्हने डेरे खड़े किए।8 तब वे पीहहीरोत के साम्हने से कूच कर समुद्र के बीच हो कर जंगल में गए, और एताम नाम जंगल में तीन दिन का मार्ग चलकर मारा में डेरे डाले।9 फिर मारा से कूच करके वे एलीम को गए, और एलीम में जल के बारह सोते और सत्तर खजूर के वृक्ष मिले, और उन्होंने वहां डेरे खड़े किए।10 तब उन्होंने एलीम से कूच करे लाल समुद्र के तीर पर डेरे खड़े किए।11 और लाल समुद्र से कूच करके सीन नाम जंगल में डेरे खड़े किए।12 फिर सीन नाम जंगल से कूच करके उन्होंने दोपका में डेरा किया।13 और दोपका से कूच करके आलूश में डेरा किया।14 और आलूश से कूच करके रपीदीम में डेरा किया, और वहां उन लोगों को पीने का पानी न मिला।15 फिर उन्होंने रपीदीम से कूच करके सीनै के जंगल में डेरे डाले।16 और सीनै के जंगल से कूच करके किब्रोथत्तावा में डेरा किया।17 और किब्रोथत्तावा से कूच करे हसेरोत में डेरे डाले।18 और हसेरोत से कूच करके रित्मा में डेरे डाले।19 फिर उन्होंने रित्मा से कूच करके रिम्मोनपेरेस में डेरे खड़े किए।20 और रिम्मोनपेरेस से कूच करके लिब्ना में डेरे खड़े किए।21 और लिब्ना से कूच करके रिस्सा में डेरे खड़े किए।22 और रिस्सा से कूच करके कहेलाता में डेरा किया।23 और कहेलाता से कूच करके शेपेर पर्वत के पास डेरा किया।24 फिर उन्होंने शेपेर पर्वत से कूच करके हरादा में डेरा किया।25 और हरादा से कूच करके मखेलोत में डेरा किया।26 और मखेलोत से कूच करके तहत में डेरे खड़े किए।27 और तहत से कूच करके तेरह में डेरे डाले।28 और तेरह से कूच करके मित्का में डेरे डाले।29 फिर मित्का से कूच करके उन्होंने हशमोना में डेरे डाले।30 और हशमोना से कूच करके मोसेरोत मे डेरे खड़े किए।31 और मोसेरोत से कूच करके याकानियों के बीच डेरा किया।32 और याकानियों के बीच से कूच करके होर्हग्गिदगाद में डेरा किया।33 और होर्हग्गिदगाद से कूच करके योतबाता में डेरा किया।34 और योतबाता से कूच करके अब्रोना में डेरे खड़े किए।35 और अब्रोना से कूच करके एस्योनगेबेर में डेरे खड़े किए।36 और एस्योनगेबेर के कूच करके उन्होंने सीन नाम जंगल के कादेश में डेरा किया।37 फिर कादेश से कूच करके होर पर्वत के पास, जो एदोम देश के सिवाने पर है, डेरे डाले।38 वहां इस्त्राएलियों के मिस्र देश से निकलने के चालीसवें वर्ष के पांचवें महीने के पहिले दिन को हारून याजक यहोवा की आज्ञा पाकर होर पर्वत पर चढ़ा, और वहां मर गया।39 और जब हारून होर पर्वत पर मर गया तब वह एक सौ तेईस वर्ष का था।40 और अरात का कनानी राजा, जो कनान देश के दक्खिन भाग में रहता था, उसने इस्त्राएलियों के आने का समाचार पाया।41 तब इस्त्राएलियों ने होर पर्वत से कूच करके सलमोना में डेरे डाले।42 और सलमोना से कूच करके पूनोन में डेरे डाले।43 और पूनोन से कूच करके ओबोस में डेरे डाले।44 और ओबोस से कूच करके अबारीम नाम डीहों में जो मोआब के सिवाने पर हैं, डेरे डाले।45 तब उन डीहों से कूच करके उन्होंने दीबोनगाद में डेरा किया।46 और दीबोनगाद से कूच करके अल्मोनदिबलातैम से कूच करके उन्होंने अबारीम नाम पहाड़ों में नबो के साम्हने डेरा किया।47 और अल्मोनदिबलातैम से कूच करके उन्होंने अबारीम नाम पहाड़ों में नबो के साम्हने डेरा किया।48 फिर अबारीम पहाड़ों से कूच करके मोआब के अराबा में, यरीहो के पास यरदन नदी के तट पर डेरा किया।49 और वे मोआब के अराबा में वेत्यशीमोत से ले कर आबेलशित्तीम तक यरदन के तीर तीर डेरे डाले॥

50 फिर मोआब के अराबा में, यरीहो के पास की यरदन नदी के तट पर, यहोवा ने मूसा से कहा,51 इस्त्राएलियों को समझाकर कह, जब तुम यरदन पार हो कर कनान देश में पहुंचो52 तब उस देश के निवासियों उनके देश से निकाल देना; और उनके सब नक्काशे पत्थरों को और ढली हुई मूतिर्यों को नाश करना, और उनके सब पूजा के ऊंचे स्थानों को ढा देना।53 और उस देश को अपने अधिकार में ले कर उस में निवास करना, क्योंकि मैं ने वह देश तुम्हीं को दिया है कि तुम उसके अधिकारी हो।54 और तुम उस देश को चिट्ठी डालकर अपने कुलों के अनुसार बांट लेना; अर्थात जो कुल अधिक वाले हैं उन्हें अधिक, और जो थोड़े वाले हैं उन को थोड़ा भाग देना; जिस कुल की चिट्ठी जिस स्थान के लिये निकले वही उसका भाग ठहरे; अपने पितरों के गोत्रों के अनुसार अपना अपना भाग लेना।55 परन्तु यदि तुम उस देश के निवासियों अपने आगे से न निकालोगे, तो उन में से जिन को तुम उस में रहने दोगे वे मानो तुम्हारी आंखों में कांटे और तुम्हारे पांजरों में कीलें ठहरेंगे, और वे उस देश में जहां तुम बसोगे तुम्हें संकट में डालेंगे।56 और उन से जैसा बर्ताव करने की मनसा मैं ने की है वैसा ही तुम से करूंगा।

 
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