Lectionary Calendar
Thursday, December 26th, 2024
the First Day after Christmas
Attention!
Tired of seeing ads while studying? Now you can enjoy an "Ads Free" version of the site for as little as 10¢ a day and support a great cause!
Click here to learn more!

Read the Bible

पवित्र बाइबिल

मलाकी 1

1 मलाकी के द्वारा इस्राएल के विषय में कहा हुआ यहोवा का भारी वचन॥2 यहोवा यह कहता है, मैं ने तुम से प्रेम किया है, परन्तु तुम पूछते हो, तू ने किस बात में हम से प्रेम किया है? यहोवा की यह वाणी है, क्या ऐसाव याकूब का भाई न था?3 तौभी मैं ने याकूब से प्रेम किया परन्तु ऐसाव को अप्रिय जान कर उसके पहाड़ों को उजाड़ डाला, और उसकी बपौती को जंगल के गीदड़ों का कर दिया है।4 एदोम कहता है, हमारा देश उजड़ गया है, परन्तु हम खण्डहरों को फिर कर बसाएंगे; सेनाओं का यहोवा यों कहता है, यदि वे बनाए भी, परन्तु मैं ढा दूंगा; उनका नाम दुष्ट जाति पड़ेगा, और वे ऐसे लोग कहलाएंगे जिन पर यहोवा सदैव क्रोधित रहे।5 तुम्हारी आंखे इसे देखेंगी, और तुम कहोगे, यहोवा का प्रताप इस्राएल के सिवाने की परली ओर भी बढ़ता जाए॥

6 पुत्र पिता का, और दास स्वामी का आदर करता है। यदि मैं पिता हूं, तो मेरा आदर मानना कहां है? और यदि मैं स्वामी हूं, तो मेरा भय मानना कहां? सेनाओं का यहोवा, तुम याजकों से भी जो मेरे नाम का अपमान करते हो यही बात पूछता है। परन्तु तुम पूछते हो, हम ने किस बात में तेरे नाम का अपमान किया है? तुम मेरी वेदी पर अशुद्ध भोजन चढ़ाते हो।7 तौभी तुम पूछते हो कि हम किस बात में तुझे अशुद्ध ठहराते हैं? इस बात में भी, कि तुम कहते हो, यहोवा की मेज तुच्छ है।8 जब तुम अन्धे पशु को बलि करने के लिये समीप ले आते हो तो क्या यह बुरा नहीं? और जब तुम लंगड़े वा रोगी पशु को ले आते हो, तो क्या यह बुरा नहीं? अपने हाकिम के पास ऐसी भेंट ले आओ; क्या वह तुम से प्रसन्न होगा वा तुम पर अनुग्रह करेगा? सेनाओं के यहोवा का यही वचन है॥9 और अब मैं तुम से कहता हूं, ईश्वर से प्रार्थना करो कि वह हम लोगों पर अनुग्रह करे। यह तुम्हारे हाथ से हुआ है; तब क्या तुम समझते हो कि परमेश्वर तुम में से किसी का पक्ष करेगा? सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।10 भला होता कि तुम में से कोई मन्दिर के किवाड़ों को बन्द करता कि तुम मेरी वेदी पर व्यर्थ आग जलाने न पाते! सेनाओं के यहोवा का यह वचन है, मैं तुम से कदापि प्रसन्न नहीं हूं, और न तुम्हारे हाथ से भेंट ग्रहण करूंगा।11 क्योंकि उदयाचल से ले कर अस्ताचल तक अन्यजातियों में मेरा नाम महान है, और हर कहीं मेरे नाम पर धूप और शुद्ध भेंट चढ़ाई जाती है; क्योंकि अन्यजातियों में मेरा नाम महान है, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।12 परन्तु तुम लोग उसको यह कह कर अपवित्र ठहराते हो कि यहोवा की मेज अशुद्ध है, और जो भोजनवस्तु उस पर से मिलती है वह भी तुच्छ है।13 फिर तुम यह भी कहते हो, कि यह कैसा बड़ा उपद्रव है! सेनाओं के यहोवा का यह वचन है। तुम ने उस भोजनवस्तु के प्रति नाक भौं सिकोड़ी, और अत्याचार से प्राप्त किए हुए और लंगड़े और रोगी पशु की भेंट ले आते हो! क्या मैं ऐसी भेंट तुम्हारे हाथ से ग्रहण करूं? यहोवा का यही वचन है।14 जिस छली के झुण्ड में नरपशु हो परन्तु वह मन्नत मान कर परमेश्वर को बर्जा हुआ पशु चढ़ाए, वह शापित है; मैं तो महाराजा हूं, और मेरा नाम अन्यजातियों में भययोग्य है, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है॥

 
adsfree-icon
Ads FreeProfile