the Week of Proper 28 / Ordinary 33
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पवित्र बाइबिल
योएल 3
1 क्योंकि सुनो, जिन दिनों में और जिस समय मैं यहूदा और यरूशलेम वासियों को बंधुआई से लौटा ले आऊंगा,2 उस समय मैं सब जातियों को इकट्ठी कर के यहोशपात की तराई में ले जाऊंगा, और वहां उनके साथ अपनी प्रजा अर्थात अपने निज भाग इस्राएल के विषय में जिसे उन्होंने अन्यजातियों में तितर-बितर कर के मेरे देश को बांट लिया है, उन से मुकद्दमा लडूंगा।3 उन्होंने तो मेरी प्रजा पर चिट्ठी डाली, और एक लड़का वेश्या के बदले में दे दिया, और एक लड़की बेच कर दाखमधु पीया है॥4 हे सोर, और सीदोन और पलिश्तीन के सब प्रदेशो, तुम को मुझ से क्या काम? क्या तुम मुझ को बदला दोगे? यदि तुम मुझे बदला भी दो, तो मैं शीघ्र ही तुम्हारा दिया हुआ बदला, तुम्हारे ही सिर पर डाल दूंगा।5 क्योंकि तुम ने मेरी चान्दी-सोना ले लिया, और मेरी अच्छी और मनभावनी वस्तुएं अपने मन्दिरों में ले जा कर रखी हैं;6 और यहूदियों और यरूशलेमियों को यूनानियों के हाथ इसलिये बेच डाला है कि वे अपने देश से दूर किए जाएं।7 इसलिये सुनो, मैं उन को उस स्थान से, जहां के जाने वालों के हाथ तुम ने उन को बेच दिया, बुलाने पर हूं, और तुम्हारा दिया हुआ बदला, तुम्हारे ही सिर पर डाल दूंगा।8 मैं तुम्हारे बेटे-बेटियों को यहूदियों के हाथ बिकवा दूंगा, और वे उसको शबाइयों के हाथ बेच देंगे जो दूर देश के रहने वाले हैं; क्योंकि यहोवा ने यह कहा है॥
9 जाति जाति में यह प्रचार करो, युद्ध की तैयारी करो, अपने शूरवीरों को उभारो। सब योद्धा निकट आकर लड़ने को चढ़ें।10 अपने अपने हल की फाल को पीटकर तलवार, और अपनी अपनी हंसिया को पीटकर बर्छी बनाओ; जो बलहीन हो वह भी कहे, मैं वीर हूं॥11 हे चारों ओर के जाति जाति के लोगो, फुर्ती कर के आओ और इकट्ठे हो जाओ। हे यहोवा, तू भी अपने शूरवीरों को वहां ले जा।12 जाति जाति के लोग उभर कर चढ़ जाएं और यहोशापात की तराई में जाएं, क्योंकि वहां मैं चारों ओर की सारी जातियों का न्याय करने को बैठूंगा॥13 हंसुआ लगाओ, क्योंकि खेत पक गया है। आओ, दाख रौंदो, क्योंकि हौज़ भर गया है। रसकुण्ड उमण्डने लगे, क्योंकि उनकी बुराई बहुत बड़ी है॥14 निबटारे की तराई में भीड़ की भीड़ है! क्योंकि निबटारे की तराई में यहोवा का दिन निकट है।15 सूर्य और चन्द्रमा अपना अपना प्रकाश न देंगे, और न तारे चमकेंगे॥16 और यहोवा सिय्योन से गरजेगा, और यरूशलेम से बड़ा शब्द सुनाएगा; और आकाश और पृथ्वी थरथराएंगे। परन्तु यहोवा अपनी प्रजा के लिये शरणस्थान और इस्राएलियों के लिये गढ़ ठहरेगा॥17 इस प्रकार तुम जानोगे कि यहोवा जो अपने पवित्र पर्वत सिय्योन पर वास किए रहता है, वही हमारा परमेश्वर है। और यरूशलेम पवित्र ठहरेगा, और परदेशी उस में हो कर फिर न जाने पाएंगे॥
18 और उस समय पहाड़ों से नया दाखमधु टपकने लगेगा, और टीलों से दूध बहने लगेगा, और यहूदा देश के सब नाले जल से भर जाएंगे; और यहोवा के भवन में से एक सोता फूट निकलेगा, जिस से शित्तीम का नाम नाला सींचा जाएगा॥19 यहूदियों पर उपद्रव करने के कारण, मिस्र उजाड़ और एदोम उजड़ा हुआ मरूस्थल हो जाएगा, क्योंकि उन्होंने उनके देश में निर्दोष की हत्या की थी।20 परन्तु यहूदा सर्वदा और यरूशलेम पीढ़ी पीढ़ी तब बना रहेगा।21 क्योंकि उनका खून, जो अब तक मैं ने पवित्र नहीं ठहराया था, उसे अब पवित्र ठहराऊंगा, क्योंकि यहोवा सिय्योन में वास किए रहता है॥