Lectionary Calendar
Saturday, April 19th, 2025
Holy Saturday
Easter is tomorrow
Attention!
Tired of seeing ads while studying? Now you can enjoy an "Ads Free" version of the site for as little as 10¢ a day and support a great cause!
Click here to learn more!

Read the Bible

पवित्र बाइबिल

अय्यूब 21

1 तब अय्यूब ने कहा,2 चित्त लगाकर मेरी बात सुनो; और तुम्हारी शान्ति यही ठहरे।3 मेरी कुछ तो सहो, कि मैं भी बातें करूं; और जब मैं बातें कर चुकूं, तब पीछे ठट्ठा करना।4 क्या मैं किसी मनुष्य की दोहाई देता हूँ? फिर मैं अधीर क्यों न होऊं?5 मेरी ओर चित्त लगाकर चकित हो, और अपनी अपनी उंगली दांत तले दबाओ।6 जब मैं स्मरण करता तब मैं घबरा जाता हूँ, और मेरी देह में कंपकंपी लगती है।

7 क्या कारण है कि दुष्ट लोग जीवित रहते हैं, वरन बूढ़े भी हो जाते, और उनका धन बढ़ता जाता है?8 उनकी सन्तान उनके संग, और उनके बाल-बच्चे उनकी आंखों के साम्हने बने रहते हैं।9 उनके घर में भयरहित कुशल रहता है, और ईश्वर की छड़ी उन पर नहीं पड़ती।10 उनका सांड़ गाभिन करता और चूकता नहीं, उनकी गायें बियाती हैं और बच्चा कभी नहीं गिरातीं।11 वे अपने लड़कों को झुण्ड के झुण्ड बाहर जाने देते हैं, और उनके बच्चे नाचते हैं।12 वे डफ और वीणा बजाते हुए गाते, और बांसुरी के शब्द से आनन्दित होते हैं।13 वे अपने दिन सुख से बिताते, और पल भर ही में अधोलोक में उतर जाते हैं।14 तौभी वे ईश्वर से कहते थे, कि हम से दूर हो! तेरी गति जानने की हम को इच्छा नहीं रहती।15 सर्वशक्तिमान क्या है, कि हम उसकी सेवा करें? और जो हम उस से बिनती भी करें तो हमें क्या लाभ होगा?16 देखो, उनका कुशल उनके हाथ में नहीं रहता, दुष्ट लोगों का विचार मुझ से दूर रहे।

17 कितनी बार दुष्टों का दीपक बुझ जाता है, और उन पर विपत्ति आ पड़ती है; और ईश्वर क्रोध कर के उनके बांट में शोक देता है,18 और वे वायु से उड़ाए हुए भूसे की, और बवण्डर से उड़ाई हुई भूसी की नाईं होते हैं।19 ईश्वर उसके अधर्म का दण्ड उसके लड़के-बालों के लिये रख छोड़ता है, वह उसका बदला उसी को दे, ताकि वह जान ले।20 दुष्ट अपना नाश अपनी ही आंखों से देखे, और सर्वशक्तिमान की जलजलाहट में से आप पी ले।21 क्योंकि जब उसके महीनों की गिनती कट चुकी, तो अपने बाद वाले घराने से उसका क्या काम रहा।22 क्या ईश्वर को कोई ज्ञान सिखाएगा? वह तो ऊंचे पद पर रहने वालों का भी न्याय करता है।23 कोई तो अपने पूरे बल में बड़े चैन और सुख से रहता हुआ मर जाता है।24 उसकी दोहनियां दूध से और उसकी हड्डियां गूदे से भरी रहती हैं।25 और कोई अपने जीव में कुढ़ कुढ़कर बिना सुख भोगे मर जाता है।26 वे दोनोंबराबर मिट्टी में मिल जाते हैं, और कीड़े उन्हें ढांक लेते हैं।

27 देखो, मैं तुम्हारी कल्पनाएं जानता हूँ, और उन युक्तियों को भी, जो तुम मेरे विषय में अन्याय से करते हो।28 तुम कहते तो हो कि रईस का घर कहां रहा? दुष्टों के निवास के डेरे कहां रहे?29 परन्तु क्या तुम ने बटोहियों से कभी नहीं पूछा? क्या तुम उनके इस विषय के प्रमाणों से अनजान हो,30 कि विपत्ति के दिन के लिये दुर्जन रखा जाता है; और महाप्रलय के समय के लिये ऐसे लोग बचाए जाते हैं?31 उसकी चाल उसके मुंह पर कौन कहेगा? और उसने जो किया है, उसका पलटा कौन देगा?32 तौभी वह क़ब्र को पहुंचाया जाता है, और लोग उस क़ब्र की रखवाली करते रहते हैं।33 नाले के ढेले उसको सुखदायक लगते हैं; और जैसे पूर्वकाल के लोग अनगिनित जा चुके, वैसे ही सब मनुष्य उसके बाद भी चले जाएंगे।34 तुम्हारे उत्तरों में तो झूठ ही पाया जाता है, इसलिये तुम क्यों मुझे व्यर्थ शान्ति देते हो?

 
adsfree-icon
Ads FreeProfile