Lectionary Calendar
Wednesday, August 20th, 2025
the Week of Proper 15 / Ordinary 20
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पवित्र बाइबिल

यहेजकेल 4

1 और हे मनुष्य के सन्तान, तू एक ईंट ले और उसे अपने साम्हने रख कर उस पर एक नगर, अर्थात यरूशलेम का चित्र खींच;2 तब उसे घेर अर्थात उसके विरुद्ध क़िला बना और उसके साम्हने दमदमा बान्ध; और छावनी डाल, और उसके चारों ओर युद्ध के यंत्र लगा।3 तब तू लोहे की थाली ले कर उसको लोहें की शहरपनाह मान कर अपने और उस नगर के बीच खड़ा कर; तब अपना मुंह उसके साम्हने कर के उसे घेरवा, इस रीति से तू उसे घेर रखना। यह इस्राएल के घराने के लिये चिन्ह ठहरेगा।4 फिर तू अपने बांयें पांजर के बल लेट कर इस्राएल के घराने का अधर्म अपने ऊपर रख; क्योंकि जितने दिन तू उस पांजर के बल लेटा रहेगा, उतने दिन तक उन लोगों के अधर्म का भार सहता रह।5 मैं ने उनके अधर्म के वर्षों के तुल्य तेरे लिये दिन ठहराए हैं, अर्थात तीन सौ नब्बे दिन; उतने दिन तक तू इस्राएल के घराने के अधर्म का भार सहता रह।6 और जब इतने दिन पूरे हो जाएं, तब अपने दाहिने पांजर के बल लेट कर यहूदा के घराने के अधर्म का भार सह लेना; मैं ने उसके लिये भी और तेरे लिये एक वर्ष की सन्ती एक दिन अर्थात चालीस दिन ठहराए हैं।7 और तू यरूशलेम के घेरने के लिये बांह उघाड़े हुए अपना मुंह उधर कर के उसके विरुद्ध भविष्यद्वाणी करना।8 और देख, मैं तुझे रस्सियों से जकडूंगा, और जब तक उसके घेरने के दिन पूरे न हों, तब तक तू करवट न ले सकेगा।

9 और तू गेहूं, जव, सेम, मसूर, बाजरा, और कठिया गेहूं ले कर, एक बासन में रख कर उन से रोटी बनाया करना। जितने दिन तू अपने पांजर के बल लेटा रहेगा, उतने अर्थात तीन सौ नब्बे दिन तक उसे खाया करना।10 और जो भोजन तू खाए, उसे तौल तौलकर खाना, अर्थात प्रति दिन बीस बीस शेकेल भर खाया करना, और उसे समय समय पर खाना।11 पानी भी तू माप कर पिया करना, अर्थात प्रति दिन हीन का छठवां अंश पीना; और उसको समय समय पर पीना।12 और अपना भोजन जव की रोटियों की नाईं बना कर खाया करना, और उसको मनुष्य की बिष्ठा से उनके देखते बनाया करना।13 फिर यहोवा ने कहा, इसी प्रकार से इस्राएल उन जातियों के बीच अपनी अपनी रोटी अशुद्धता से खाया करेंगे, जहां में उन्हें बरबस पहुंचाऊंगा।14 तब मैं ने कहा, हाय, यहोवा परमेश्वर देख, मेरा मन कभी अशुद्ध नहीं हुआ, और न मैं ने बचपन से ले कर अब तक अपनी मृत्यु से मरे हुए वा फाड़े हुए पशु का मांस खाया, और न किसी प्रकार का घिनौना मांस मेरे मुंह में कभी गया है।15 तब उसने मुझ से कहा, देख, मैं ने तेरे लिये मनुष्य की विष्ठा की सन्ती गोबर ठहराया है, और उसी से तू अपनी रोठी बनाना।16 फिर उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, देख, मैं यरूशलेम में अन्नरूपी आधार को दूर करूंगा; सो वहां के लोग तौल तोलकर और चिन्ता कर कर के रोटी खाया करेंगे; और माप मापकर और विस्मित हो हो कर पानी पिया करेंगे।17 और इस से उन्हें रोटी और पानी की घटी होगी; और वे सब के सब घबराएंगे, और अपने अधर्म में फंसे हुए सूख जाएंगे।

 
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