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Monday, May 19th, 2025
the Fifth Week after Easter
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Read the Bible

पवित्र बाइबिल

यहेजकेल 2

1 और उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, अपने पांवों के बल खड़ा हो, और मैं तुझ से बातें करूंगा।2 जैसे ही उसने मुझ से यह कहा, त्योंही आत्मा ने मुझ में समाकर मुझे पांवों के बल खड़ा कर दिया; और जो मुझ से बातें करता था मैं ने उसकी सुनी।3 और उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, मैं तुझे इस्राएलियों के पास अर्थात बलवा करने वाली जाति के पास भेजता हूँ, जिन्होंने मेरे विरुद्ध बलवा किया है; उनके पुरखा और वे भी आज के दिल तक मेरा अपराध करते चले आए हैं।4 इस पीढ़ी के लोग जिनके पास मैं तुझे भेजता हूँ, वे निर्लज्ज और हठीले हैं;5 और तू उन से कहना, प्रभु यहोवा यों कहता हे, इस से वे, जो बलवा करने वाले घराने के हैं, चाहे वे सुनें व न सुनें, तौभी वे इतना जान लेंगे कि हमारे बीच एक भविष्यद्वक्ता प्रगट हुआ है।

6 और हे मनुष्य के सन्तान, तू उन से न डरना; चाहे तुझे कांटों, ऊंटकटारों और बिच्छुओं के बीच भी रहना पड़े, तौभी उनके वचनों से न डरना; यद्यपि वे बलवई घराने के हैं, तौभी न तो उनके वचनों से डरना, और न उनके मुंह देख कर तेरा मन कच्चा हो।7 सो चाहे वे सुनें या न सुनें; तौभी तू मेरे वचन उन से कहना, वे तो बड़े बलवई हैं।8 परन्तु हे मनुष्य के सन्तान, जो मैं तुझ से कहता हूँ, उसे तू सुन ले, उस बलवई घराने के समान तू भी बलवई न बनना; जो मैं तुझे देता हूँ, उसे मुंह खोल कर खा ले।9 तब मैं ने दृष्टि की और क्या देख, कि मेरी ओर एक हाथ बढ़ा हुआ है और उस में एक पुस्तक है।10 उसको उसने मेरे साम्हने खोल कर फैलाया, ओर वह दोनों ओर लिखी हुई थी; और जो उस में लिखा था, वे विलाप और शोक और दु:ख भरे वचन थे।

 
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