the Week of Proper 18 / Ordinary 23
Click here to join the effort!
Read the Bible
पवित्र बाइबिल
à¤à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° 7
1 सो राजा और हामान एस्तेर रानी की जेवनार में आगए।2 और राजा ने दूसरे दिन दाखमधु पीते-पीते एस्तेर से फिर पूछा, हे एस्तेर रानी! तेरा क्या निवेदन है? वह पूरा किया जाएगा। और तू क्या मांगती है? मांग, और आधा राज्य तक तुझे दिया जाएगा।3 एस्तेर रानी ने उत्तर दिया, हे राजा! यदि तू मुझ पर प्रसन्न है, और राजा को यह स्वीकार हो, तो मेरे निवेदन से मुझे, और मेरे मांगने से मेरे लोगों को प्राणदान मिले।4 क्योंकि मैं और मेरी जाति के लोग बेच डाले गए हैं, और हम सब विध्वंसघात और नाश किए जाने वाले हैं। यदि हम केवल दास-दासी हो जाने के लिये बेच डाले जाते, तो मैं चुप रहती; चाहे उस दशा में भी वह विरोधी राजा की हानि भर न सकता।5 तब राजा क्षयर्ष ने एस्तेर रानी से पूछा, वह कौन है? और कहां है जिसने ऐसा करने की मनसा की है?6 एस्तेर ने उत्तर दिया है कि वह विरोधी और शत्रु यही दुष्ट हामान है। तब हामान राजा-रानी के साम्हने भयभीत हो गया।
7 राजा तो जलजलाहट में आ, मधु पीने से उठ कर, राजभवन की बारी में निकल गया; और हामान यह देखकर कि राजा ने मेरी हानि ठानी होगी, एस्तेर रानी से प्राणदान मांगने को खड़ा हुआ।8 जब राजा राजभवन की बारी से दाखमधु पीने के स्थान में लौट आया तब क्या देखा, कि हामान उसी चौकी पर जिस पर एस्तेर बैठी है पड़ा है; और राजा ने कहा, क्या यह घर ही में मेरे साम्हने ही रानी से बरबस करना चाहता है? राजा के मुंह से यह वचन निकला ही था, कि सेवकों ने हामान का मुंह ढांप दिया।9 तब राजा के साम्हने उपस्थित रहने वाले खोजों में से हर्वोना नाम एक ने राजा से कहा, हामान को यहां पचास हाथ ऊंचा फांसी का एक खम्भा खड़ा है, जो उसने मोर्दकै के लिये बनवाया है, जिसने राजा के हित की बात कही थी। राजा ने कहा, उसको उसी पर लटका दो।10 तब हामान उसी खम्भे पर जो उसने मोर्दकै के लिये तैयार कराया था, लटका दिया गया। इस पर राजा की जलजलाहट ठंडी हो गई।